कविता

मेरे दोस्त

तुम्हारी दोस्ती एक अहसास है
जो मेरे जिन्दा रहने की आस है

तुम से दूर रह कर बस सास लेता हूँ
तुम्हारे साथ ही जिन्दा रहने का अहसास लेता हूँ

खून के रिश्ते तो बाट देते है
तुम्हारी दोस्ती तो केवल साथ देती है

खुदा से दुआ करता हूँ
तु कभी मेरा सगा न बने
तु जब भी जन्मे मेरा अपना ही बने

रवि प्रभात

पुणे में एक आईटी कम्पनी में तकनीकी प्रमुख. Visit my site