कविता

सुकून

तमाम उम्र गुजर गई
जरूरतें पूरी हुई नहीं

किये हैं अनगिनत शौक
फिर भी इच्छाएं मरी नहीं

हर रोज सागर में लगाए हैं गोते
पर प्यास वो मिटी नहीं

कब्र में धस गया एक पैर
अपने गुनाहों से तौबा किया नहीं

नैकी कर दरिया में डाल
इसमें कभी विश्वास हुआ नहीं

लगता है अब मुझे
इसीलिए सुकून आजतक मिला नहीं

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
गांव रिहावली, डाक तारौली गुर्जर,
फतेहाबाद-आगरा , 283111

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111