गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

लिखने का अभ्यास नहीं है
कविता अपनी खास नहीं है
कालेधन की  चांदी  जग  में
घर-घर में  उल्लास नहीं  है
गद्दारों     के     बोल    अनूठे
फिर भी बुझती प्यास नहीं  है
देशभक्ति की उज्ज्वल गाथा
धनवानों   के  पास  नहीं   है
सुन्दर स्वर्गिक अपनी धरती
जनता  को  आभास  नहीं  है
ढूंढ   रही   है   भारत   माता
आज “नवीन” सुभाष नहीं है
—  नवीन हलदूणवी 

नवीन हलदूणवी

नवीन हलदूणवी काव्य-कुंज जसूर-176201, जिला कांगड़ा,. हिमाचल मो 09418846773