लघुकथा-अभिलाषा
पूजा के जन्म पर न जाने क्यूँ उदासी सी थी । मां की चिंता किसी को नही थी। प्रसव पीड़ा
Read Moreपूजा के जन्म पर न जाने क्यूँ उदासी सी थी । मां की चिंता किसी को नही थी। प्रसव पीड़ा
Read Moreजब भी पीकर तुम आते हो। हंगामा ही बरपाते हो। भूल नहीं पाए तुम अब तक। खाबों
Read Moreतुम्हारे मुस्कराने का , अर्थ बड़ा गहरा है ! ये इशारा है , शरारत या , अंदर की अभिव्यक्ति!
Read Moreमन का सुमन हमेशा गाये, अभिनव मंगल गान। अपनी कुटिया बन जाएगी, फिर से विमल-वितान।। उगें नये पौधे बगिया में,
Read Moreअधिक वजन आजकल की आम समस्या है। इसका मुख्य कारण है हमारी जीवन शैली में आये नकारात्मक परिवर्तन। हम अधिक
Read Moreबाजारवाद के मौजूदा दौर में आए तो मानसिक अत्याचार अथवा उत्पीड़न यानी टार्चिंग या फिर थोड़े ठेठ अंदाज में कहें
Read Moreचिड़िया रानी, चिड़िया रानी, तुम तो निकली बड़ी सयानी। मेरी बगिया में तुम आई, एक पेड़पर जगह बनाई। मिहनत
Read Moreबड़ी उदास थी वो न जाने कौन सा गम ?? समेट रखा था उसे आगोश में जबरन एकदम गुमसुम मैंने
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