लघुकथा

डाकिया

‘डाकिया काका उदास क्यों हो क्या बात है?’ रामबाबू डाकिया को उदास देख चिंटू ने कहा। ‘क्या बताऊँ चिंटू डिपार्टमेंट ने चेतावनी दी है कि या तो कंप्यूटर या स्मार्ट फ़ोन चलाना सीखो ताकि उससे तुम अपना काम कर सको नही तो अगले महीने से आपको सेवानिवृत कर दिया जाएगा?’ रामबाबू डाकिया ने जवाब दिया।

‘अरे काका तो इसमें क्या बड़ी बात है सीख लो ये सब तो आसान है।’

‘चिंटू आसान तो है लेकिन जब हम इस विभाग में लगे थे तो केवल पांचवी पास थे और धीरे धीरे काम सिख गए थे लेकिन तीन साल लग गए थे, अब तो अफसर कहते है एक महीने में ही सीखो, अब तुम बताओ इतने कम समय मे कैसे सीखें अब तो नौकरी गई हमारी ओर अभी तो हमने अपने बच्चों की पढ़ाई और शादी भी नही की है, पता नही क्या होगा।’ इतना कह रामबाबू उदास हो गया। चिंटू सोच में था कि टेक्नोलॉजी तो मनुष्य की सहायता के लिये है लेकिन यहां तो उसकी वजह से मनुष्य का जीवन खराब हो रहा था।

— राजेश मेहरा, नई दिल्ली

राजेश मेहरा

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