मैंने बोई राखी
राखी का त्योहार आने ही वाला था. रंगबिरंगी राखियों से बाजार सजे हुए थे. मैंने भी कुछ राखियां घर में बनाईं और कुछ बाजार से खरीदकर भाई-भतीजों को भेज दीं. रात को सोते समय भी राखियों के बारे में ही सोचते-सोचते नींद आ गई. सपने में देखा- बहुत खूबसूरत गमले में मैंने राखी बोई है, मैं उसे पानी दे रही हूं, राखी का पौधा फलता-फूलता है. मैं उसके बीजों को सहेजकर रखती हूं, भाई को भेजती हूं, सखी-सहेलियों को भी भेजती हूं, हर तरफ से राखी के सुंदर पौधे की तारीफों के संदेश आ रहे हैं और मुझे हर्षा रहे हैं. तभी नींद खुल जाने से मेरी खुशी न जाने किधर को चली गई, पर जाते-जाते मुझे आश्चर्यचकित अवश्य कर गई. क्या राखी भी बोई जा सकती है? तभी मेरे मोबाइल पर टन की आवाज हुई. मैंने मोबाइल खोला, तो सामने एक समाचार आया-
बोई जा सकने वाली राखी: वर्षों तक हरा-भरा रहेगा भाई-बहन का प्यार
राखी बोने का मेरा सपना सच हो गया था.
सुन्दर रचना लीला बहन .
प्रिय गुरमैल भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको हमेशा की तरह यह ब्लॉग भी बहुत अच्छा लगा. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.
नई-नई तकनीकें सामने आ रही हैं. पहले हमने आपको कॉर्ड वाली तुलसी बोने के बारे में बताया था. गमले में मिट्टी डालकर उसमें तुलसी के पौधे वाला कॉर्ड डाल दीजिए. किसी खाद-वाद की जरूरत नहीं, एक सप्ताह बाद तुलसी का पौधा उग जाएगा. अब बोने वाली राखी सामने आई है. प्लांटसिल की दिव्या शेट्टी का मानना है कि पर्यावरण के अनुरूप ये राखियां ग्राहकों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं। उन्होंने कहा,‘‘ भाई और बहन का रिश्ता एक पौधे की तरह हमेशा फलता-फूलता रहता है। राखी में जो बीज हैं वह एक वर्ष तक खराब नहीं होंगे। अब तक हम चार लाख प्लांटेबल राखी बॉक्स बेच चुके हैं।’’ इन पर जो बीज हैं वह ल्यूपिन फ्लॉवर, टमाटर, गेंदे के पौधे और तुलसी के पौधे के हैं। बोई जा सकने वाली राखियों की कीमत 251 रूपए से शुरू है। दस राखियों के सेट लिए यह 1,001 रूपए है।