बाल कविता

बाल गीत (लावणी छन्द)

बढ़े चलो हे  वीर  सिपाही
व्यर्थ न समय गवांना है ।
क्यों उदास तुम बैठ गए हो
समय लौट कब आना है …..
कोई छोटा बड़ा नहीं है
सब उस प्रभु के बने हुए
कभी बचाते हैं पत्थर भी
राई से भी घाव हुए ।
उस ईश्वर को नमन करो तुम
उससे सभी जमाना है ।।
समय लौट कब आना है …..
सच्चाई का दीप जलालो
ज्ञान पुंज मन मे भर लो ।
मिट जायें दुख के अँधियारे
चेतनता पग-पग भर लो ।
छू लो हर दिन नए क्षतिज को
लक्ष्य यही अब पाना है।।
समय लौट कब आना है …..
कंटक राहों में पाओगे ।
किंतु नही  तुम डर जाना
देश प्रेम का जज्बा रख लो
नही कभी तुम घबराना ।
पीछे मुड़ कर अब मत देखो
आगे कदम बढ़ाना है ।।
समय लौट कब आना है …..
रीना गोयल

रीना गोयल

माता पिता -- श्रीओम प्रकाश बंसल ,श्रीमति सरोज बंसल पति -- श्री प्रदीप गोयल .... सफल व्यवसायी जन्म स्थान - सहारनपुर .....यू.पी. शिक्षा- बी .ऐ. आई .टी .आई. कटिंग &टेलरिंग निवास स्थान यमुनानगर (हरियाणा) रुचि-- विविध पुस्तकें पढने में रुचि,संगीत सुनना,गुनगुनाना, गज़ल पढना एंव लिखना पति व परिवार से सन्तुष्ट सरल ह्रदय ...आत्म निर्भर