बाल कविता

सदा सच ही तुम बोलो ।

मीनू गोलु बंटी सुनो,पहले तोलो फिर बोलो।
जब भी बोलो कभी,सदा सच ही तुम बोलो।

सच की ताकत पहचानो,ये काम की बात है;
झूठ के होते पाँव नहीं,झूठे का क्या विश्वास है।

कभी कभी सच हमें,माना थोड़ा रुलाता है;
पर सच तो अनमोल है,यही सब को भाता है।

खुशहाल जीवन जीना है तो,वो चुनो जो नेक है;
झूठ पल-पल बदलता है,पर सच तो बस एक है।

कामनी गुप्ता ***
जम्मू !

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |