गीतिका/ग़ज़ल

महुआ नैन नशीले

सुनहले, रंगीले, सजीले ,छबीले !
मधुर भाव मनके , भावना से गीले !
सुधि सुगन्ध सुरभित हुई मन  गलियां ।
रंग सराबोर स्वप्न सहज ही परतीले।
ले धड़कन गुलाल खड़ी  देहरी द्वार
 शोख़ गुलाबी गाल  हुए फिर लजीले ।
 है उमंग अंग -अंग मिल रहे रति अनंग
मीत ,प्रीत गीत में  रंग भरे चटकीले ।
टेसू दहके देह ऋतुराज उतरे गेह
कोयल कूक मादक स्वर हुये हैं सुरीले ।
चढ़ गया प्रेम रंग रोम रोम में सुगन्ध ।
साथ है साजन का महुआ नैन नशीले ।
रागिनी शर्मा ‘स्वर्णकार’

रागिनी स्वर्णकार (शर्मा)

1- रचनाकार का पूरा नाम- श्रीमती रागिनी स्वर्णकार (शर्मा) 2- पिता का नाम-श्री पूरन चंद सोनी 3- माता का नाम -श्रीमती पार्वती 4- पति / पत्नी का नाम- श्री अरुण शर्मा 5- वर्तमान/स्थायी पता -डायमंड रेजीडेंसी, a सेक्टर सिलिकॉन सिटी राऊ ,इंदौर ,जिला-इंदौर मध्यप्रदेश 6- फोन नं/वाट्स एप नं. - 9754835741 7- जन्म / जन्म स्थान-बेगमगंज ,जिला- रायसेन जन्मतिथि 01,/05/1970 8- शिक्षा /व्यवसाय- बी.एस-सी.,एम .ए.(हिंदी,इंग्लिश) एम.एड. 9- प्रकाशित रचनाओं की संख्या-- 300 रचनाएँ प्रकाशित 10- प्रकाशित रचनाओं का विवरण । (लगभग 300 रचनाएँ समाचार पत्र ,संचार एक्सप्रेस ,निशात टाईम्स ,रीडर एक्सप्रेस भोपाल, लोकजंग भोपाल,दैनिक भास्कर भोपाल,देशबन्धु भोपाल ,से प्रकाशित हो चुकी हैं ) संकल्प शालेय पत्रिका का 7 वर्ष से सम्पादन