गीत/नवगीत

मुलाकात

तुझसे मुलाकात तो एक बहाना है
फूलों को मौसम की रंगत दिखाना है
बात लब पर आने को मचलती है
बहारें मौसम पर आने को तरसती है
तुझसे मुलाकात तो एक बहाना है
फूलों को मौसम की रंगत दिखाना है
मुलाकातों को गिनना नामुमकिन
धड़कता दिल बया ये सब मुमकिन
बिखर रही है गुलाब की पंखुड़िया
नादान दिल समझ बैठा लब है तेरे
तुझसे मुलाकात तो एक बहाना है
फूलों को मौसम की रंगत दिखाना है
राहों में पलट के चेहरा नही देखते
हसीन चेहरों पर कायनात पलटती
इंतजार से पड़ जाते पैरो में छाले
नर्म दूब इस मर्ज को समझ जाती
तुझसे मुलाकात तो एक बहाना है
फूलों को मौसम की रंगत दिखाना है
तुम्हारी मीठी आवाज की बेकरारी
बंसी जैसे मीठे सुर की हो पुकारी
नींद तो रास्ता भूली ख्वाब का ऐसे
दिल मे बना रखी हो तेरी तस्वीर जैसे
तुझसे मुलाकात तो एक बहाना है
फूलों को मौसम की रंगत दिखाना है
— संजय वर्मा ‘दृष्टि’

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच