लघुकथा

लक्ष्मी

लक्ष्मी पूजन के बाद हाथ जोड़कर जब वो लक्ष्मी जी से हमेशा के लिये इसी घर में रहने का आग्रह कर रही थी तभी उसकी गुड़िया भी आँखे बन्द कर कुछ बुदबुदा रही थी। मुस्कुराते हुऐ उसने ध्यान लगाया तो सुनाई दिया- हे लक्ष्मी माता, इस बार आप गली के कोने पर रहने वाली मेरी सहेली मैना के घर जाना, क्योंकि उसकी माँ के पास मैना की नई फ्राक के पैसे भी नही है। मेरे और मम्मी के पास तो देखो कितनी ड्रेसेस है………….
उसे लगा….आज वो अपनी बच्ची के सामने कितनी बौनी हो गई है …

— अंजू अग्रवाल

अंजू अग्रवाल

पति - अजय नाथ माता का नाम। - मनोरमा देवी जन्मतिथि - 29.12.1968 शिक्षा - एम. कॉम., एम.एड., एम.ए.(हिन्दी), एल.एल. वी.,यू.जी.सी. नेट व्यवसाय - शिक्षण साहित्य सेवा - कहानी, लघु कथा, कविता आलोचना आदि लेखन में सक्रिय अजमेर लेखिका मंच की सदस्य लेखन की विधा - लेख, कहानी, कविता आलोचना आदि साहित्य सेवा आपके लिये क्या है- स्वयं से वार्तालाप पसंदीदा साहित्यकार- मुंशी प्रेमचन्द पता- 7,गुलाब बाड़ी एन्क्लेव श्रीनाथ विवाह स्थल के पीछे,गुलाब बाड़ी अजमेर(राजस्थान)305007 ईमेल- tajanju@gmail.com