गीत/नवगीत

गीतों के गाँव में

[ गीत ]
शहर के कोलाहल से,चलो प्रिये लौट चलें !
गीतों के गाँव में,पीपल की छाँव में ।

कोयल अमराई हो, महकी पुरवाई हो ।
हो बसंत डाल डाल बगिया बौराई हो ।
गेहूं के पके खेत ,कनक सरिस दिखते हों,
प्राची पट ओढ़ लाल,ऊषा जब आई हो ।

चार नयन फिर उलझें ,सरित मध्य नाव में।
गीतों के गाँव……………….

पूनम की रात हो ,नदी का किनारा हो।
चकवी ने चक्रवाक को पुनः पुकारा हो।
खुले आसमान तले ,दूर सब झमेलों से
नींदों के बीच प्रिये स्वप्न बस तुम्हारा हो।

चिंता का लेश नही ,प्रियतम जिस ठाँव में।
गीतों के गाँव में…………………..

विरहा से सराबोर पपिहे का गीत हो ।
पंचम स्वर गुंजित हों,युवा मदनमीत हो।
धरती का रंग रूप ,नवब्याही युवती सा,
खिली हुईं कलियों से मधुकर की प्रीत हो।

झनन झनन झांझर हो गोरी तोरे पाँव में।
गीतों के गाँव में………………………

———–डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी २/४/२०२० गोरखपुर

*डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी

नाम : डॉ दिवाकर दत्त त्रिपाठी आत्मज : श्रीमती पूनम देवी तथा श्री सन्तोषी . लाल त्रिपाठी जन्मतिथि : १६ जनवरी १९९१ जन्म स्थान: हेमनापुर मरवट, बहराइच ,उ.प्र. शिक्षा: एम.बी.बी.एस. एम.एस.सर्जरी संप्रति:-वरिष्ठ आवासीय चिकित्सक, जनरल सर्जरी विभाग, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय ,फतेहपुर (उ.प्र.) पता. : रूम नं. 33 (द्वितीय तल न्यू मैरिड छात्रावास, हैलट हास्पिटल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर (उ.प्र.) प्रकाशित पुस्तक - तन्हाई (रुबाई संग्रह) उपाधियाँ एवं सम्मान - १- साहित्य भूषण (साहित्यिक सांस्कृतिक कला संगम अकादमी ,परियावाँ, प्रतापगढ़ ,उ. प्र.द्वारा ,) २- शब्द श्री (शिव संकल्प साहित्य परिषद ,होशंगाबाद ,म.प्र. द्वारा) ३- श्री गुगनराम सिहाग स्मृति साहित्य सम्मान, भिवानी ,हरियाणा द्वारा ४-अगीत युवा स्वर सम्मान २०१४ अ.भा. अगीत परिषद ,लखनऊ द्वारा ५-' पंडित राम नारायण त्रिपाठी पर्यटक स्मृति नवोदित साहित्यकार सम्मान २०१५, अ.भा.नवोदित साहित्यकार परिषद ,लखनऊ ,द्वारा ६-'साहित्य भूषण' सम्मान साहित्य रंगोली पत्रिका लखीमपुर खीरी द्वारा । ७- 'साहित्य गौरव सम्मान' श्रीमती पुष्पा देवी स्मृति सम्मान समिति बरेली द्वारा । ८-'श्री तुलसी सम्मान 2017' सनातन धर्म परिषद एवं तुलसी शोध संस्थान,मानस नगर लखनऊ द्वारा ' ९- 'जय विजय रचनाकार सम्मान 2019'(गीत विधा) जय विजय पत्रिका (आगरा) द्वारा १०-'उत्तर प्रदेश काव्य श्री सम्मान' विश्व हिंदी रचनाकार