सामाजिक

व्यर्थ की बहस व अफवाओं से बचे

लॉकडाउन से घर मे रह रहे परिवार व्यर्थ की बहस व् अफवाओं से बचे।व्यर्थ बहस से मानसिक तनाव, आदि बढ़ सकता है।परेशानियों को सहजता से ले,चेहरे पर मुस्कान रखे,आलसीपन छोड़ चुस्त दुरुस्त रहें,घर के कार्यों में सहयोग करें।बुजुर्गो व बीमार एवं छोटे बच्चों का विशेष ख्याल रखें।घर के अंदर,भी आपस में दूरी बनाए रखें ,मास्क लगावें,बार-बार साबुन सेे हाथ साफ करें ,यहाँ वहाँ थूकने की आदत पर अंकुश लगाए।इससे जल्द ही संक्रमण खत्म होगा।इसके अलावा कोरेना संक्रमण में लॉक डाउन के चलते घरों में समय के सदुपयोग हेतु धार्मिक ग्रंथ के अलावा साहित्यिक पुस्तके पढ़ना चाहिए व हमें साहित्य के प्रति अनुराग होना ही चाहिए |साहित्य की समझ और उसके शब्दों के भावों को सही तरीके से कल्पनाओं के भावों को रचा और समझा जाए तो रचनाकार की रचना साकार होकर मन को तो छूती है|धार्मिक ग्रंथ एवं साहित्य पठनीयता की दॄष्टि से जीवन में उपयोगी व प्रेरणादायी बनकर उपासको के लिए लाभकारी अवश्य सिद्ध होगा |

— संजय वर्मा ‘दॄष्टि ‘ 

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच