लेखविज्ञान

‘तथागत अवतार तुलसी’ प्रोफेसर हो गए, पर उनके रिसर्च का क्या हुआ ?

पटना में ‘तथागत अवतार तुलसी’ का उभार हुआ था । सदानंद और आनंद के गणितीय सूत्र इस उभार में दब जाते थे !

तथागत ने ‘पाई’ का विशुद्ध मान खोजने का दावा किया था, इसतरह के समाचार अखबारों व प्रतियोगिता किरण आदि पत्रिकाओं में छप चुकी थी, उस समय तथागत ही ‘कौटिल्य पंडित’ था!

कालांतर में, Physics ही तथागत का विषय रहा और वे गणित विधा से दूर होते चले गए, किंतु इस ‘वन्डर ब्वॉय’ से एक दिन हम दोनों मुलाकात किये, जो कि अकेले में नहीं रहा, क्योंकि अकेले में मैं उनसे कुछ प्रश्न पूछना चाहता था, परंतु उनके पिताजी तुलसी नारायण प्रसाद जी ने ऐसा होने नहीं दिया, कुछ पूछते तो तथागत के पिताजी ही टोक देते थे और तब मुझे तथागत जटिल नहीं लगा था !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.