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सांई बाबा

सांई बाबा के बारे में तो सभी जानते हैं फिर भी मैं इनको याद करते हुए आज़ साईं बाबा के कुछ पहलुओं को लेकर आपके सामने प्रस्तुत हुई हूं। आशा करती हूं शायद आपको पसंद आए।

साईंबाबा जिन्हें शिरडी साईंबाबा भी कहा जाता है। एक भारतीय गुरु, संत एवं फ़क़ीर के रूप में बहुमान्य हैं। उनके अनुयायी उन्हें सर्वशक्तिमान एवं सर्वव्यापी मानते हैं। साईं बाबा का जन्म कब और कहाँ हुआ था एवं उनके माता-पिता कौन थे ये बातें अज्ञात हैं। किसी भी दस्तावेज से इसका प्रामाणिक होने का पता नहीं चलता है। फिर भी कुछ लोगों ने इनके जन्म और मृत्यु का विवरण दिया है।
इनका जन्म २८ सितंबर १८३८ में हुआ और मृत्यु १५ अक्टूबर १९१८ में शिरडी में हुई। इन्हें श्री साई बाबा मंदिर, शिरडी में ही दफनाया गया।
ऐसी मान्यता है कि शिरडी गांव में नीम के वृक्ष तले बालक रूप में सांई बाबा का प्राकट्य हुआ था। कहा जाता है कि इनकी माता धरती व आकाश इनके पिता हैं। संतों की कोई जाति नहीं होती तो ऐसा ही इनके लिए भी कहा गया है।
दया, शांति ही संतो का धर्म है सो वे भी दीनदयालु, प्यार का सागर बनकर भक्तों के बीच बनकर प्रकट हुए। इनका मंत्र भी यही है “सबका मालिक एक है।”
कहते हैं कि जो भी व्यक्ति श्रद्धा और धीरज रखता है उसकी मदद के लिए वे जरूर आते हैं। उनका कहना था कि कल जो हुआ उसे भूल जाओ और अपने आज़ को जिओ। हमें अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर, ईश्वर में ध्यान लगाकर, साधना पथ को अपनाना चाहिए। ईश्वर बाहर मत ढूंढो बल्कि अपने मन में झांककर देखोगे तो आपको ईश्वर जरूर नजर आएंगे।
शिरडी के साईं बाबा नाम से कौन परीचित नहीं है? इनकी भक्ति में ही शक्ति छिपी है। इसी कारण इनको भगवान माना गया है। सांई बाबा ने हिंदू-मुसलमान को एक सूत्र में बांधा है। कभी कुरान शरीफ की आयतें व कभी शिवस्त्रोत संस्कृत में सुनाकर।
सांई बाबा किसी को शिव रूप में तो किसी को राम रूप में यानि सभी रूपों में दिखाई देते हैं। लोग ऐसे कहते पाए ग‌ए हैं कि जो कोई भी उन्हें सच्चे दिल से याद करता है वे उनके पास आकर खड़े हो जाते हैं। जो नित्य सांई बाबा को भजता है उसे कभी भेद-अभेद नहीं रहता।
और बहुत कुछ है कहने को इन महान शख्सियत के बारे में कहने को पर वह फिर कभी!
‌‌ॐ सांई श्री साईं जय जय साईं ॐ

नूतन गर्ग (दिल्ली)



*नूतन गर्ग

दिल्ली निवासी एक मध्यम वर्गीय परिवार से। शिक्षा एम ०ए ,बी०एड०: प्रथम श्रेणी में, लेखन का शौक

2 thoughts on “सांई बाबा

  • अनंत पुरोहित 'अनंत'

    सटीक। अधिकांश हिंदू भेड़ की तरह हो गए हैं और फिल्मों, सीरियलों का अंधानुकरण करते हैं। छोटे और बड़े पर्दे ने मिलकर इस धूर्त साईं बाबा को बहुत प्रचारित किया है।

  • डाॅ विजय कुमार सिंघल

    आप बहुत भ्रमित हैं। तथाकथित साईंबाबा ने किसी को एकसूत्र में नहीं बाँधा। शिरडी में उसके मंदिर में कोई मुसलमान नहीं जाता। शत प्रतिशत मूर्ख हिन्दू ही होते हैं। वह गौमांस खाता था। उसका असली नाम चाँद मुहम्मद था। उसका बाप पहले पिंडारी था, फिर झाँसी की सेना में शामिल हो गया। उसने रानी लक्ष्मीबाई के साथ गद्दारी की थी। यह उसी का बेटा था। पर अपनी असलियत छिपाकर लोगों को मूर्ख बनाता था। अपने सामने गाय बकरे कटवाकर उसका माँस खाता था। मैं इसे कसाईं बाबा कहता हूँ।
    फिल्मों और सीरियलों पर मत जाइए। वे सब झूठ का पुलिन्दा हैं।

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