लघुकथा

सरपट जीवन

उसने वर्गोंन्नति पाई यानी परीक्षा परिणाम मेरे पक्ष में रहा, टॉपर कहलाया, किंतु गर्वता को कोई स्थान नहीं दिया उसने ! परिजन और प्रियजन मिलने को आने लगे थे, किंतु अपने में खोया रहा था, कुछ पाने, कुछ देने, कुछ कसकने को ! पहनावे को उनके पास सिर्फ 2 जोड़े फुलपैंट-शर्ट ही रखा था उसने । एक जोड़े शरीर के साथ, दूसरी जोड़ी पीठ पर लड़नेवाली बैग के अंदर । अत्याधुनिक सुविधा से वंचित एक लॉज में रहता था, ताकि किराया कम देना पड़े । इसबार की डीपी में पिताजी ने कुछ अधिक रुपये मनीऑर्डर कर दिए थे, ताकि जीन्स-टीशर्ट खरीदे जा सके ! …..किंतु पहनावे से दर्शन उच्च थोड़े होते हैं, इसलिए उन अतिरिक्त रुपयों से उन्होंने दर्शन की पुस्तकें खरीद लिए थे ! जीन्स-टीशर्ट पहनने का विचार तब भी मन में नहीं था, आज भी नहीं है। इसतरह मनीष का जीवन सरपट भाग रहा है।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.