कविता

5 अलौकिक कविताएँ

1.

अजर अमर

जो दिखाई देती है,
उसे नश्वर देह कहते हैं !
जो दिखाई नहीं पड़ती है,
उसे अजर अमर आत्मा कहते हैं !
कोरोना अजर अमर तो नहीं !
क्योंकि अदृश्य कोरोना
हमें
परमात्मा से मिलाने आए हैं !

2.

मुर्दों के बीच

हँसते हुए मैंने पाया,
मुर्दों के बीच सोई है कविता,
हँसते हुए मैंने पाया,
मुर्दों के बीच सोया हूँ मैं,
और उनकी एक अँगुली
मेरे गुदा से टकरा, गुदगुदी कर रहा है
कि यह
जैसे जाना कि मेरी हँसी
फ़ाख़्ता हो गया !

3.

सिर्फ एक मजहब क्यों ?

अरबिया टोपी
और डॉक्टरी जूते के बीच
सिंगल फेफड़े का एक आदमी,
जो विदेश में छुप-छुप प्रवचन कर रहे हैं
और जो
टाई-कोट भी पहने हैं, जिन्ना नहीं है,
क्योंकि वो छुप-छुप प्रवचनकर्त्ता…
करीने से दाढ़ी सजाये हैं
और अंग्रेज़ी में कहते हैं–
सारे जहाँ से अच्छा,
इस्लाम हमारा !

4.

महादलित

एक ऑफिसर
सड़क किनारे एक कोने में बैठे
मोची से अपने जूते पॉलिश कराते हैं
और उसे मेहनताना फेंक कर देते हैं
फिर–
आगे बढ़ते हैं और धोबी की इस्त्रालय से
कपड़े आयरन करा,
पैसे देने की हुज्जत करते हैं
जानते हैं —
वो ऑफिसर ‘महादलित’ है !

5.

एकसाथ स्मरण

ऐसा कब आएगा,
जब मंदिर में अजान हो,
मस्ज़िद में पूजा और शंख-ध्वनि,
गिरजे में सीताराम,
मरियम सी माँ मिले गुरद्वारे में ,
तब सुबह होगी ऐसी–
लोग कहेंगे-
सलामवलेकुम,
जय श्रीराम,
गुडमॉर्निंग,
सतश्री अकाल !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.