गीतिका/ग़ज़ल

अद्भुत था दृश्य जो देख लिया

अद्भुत था दृश्य जो देख लिया
इस जीवन में यह भी होना था
मेरे प्रिय राम विराजे मन्दिर में
नैनों में यह पल भी संजोना था
कुछ कर्म किये हों पुण्य पावन
इस दिन का साक्षी होना था
था राममय जग, जीवन, क्षण
राममय मन का हर कोना था
जग-छत्रपति बिन छत्र रहे
इस दुख से नयन भिगोना था
अब आय विराजे जगन्नाथ
मन राम-बीज ही बोना था
तनमन हुआ भक्त रामनामी
रामनाम की माला पिरोना था
— प्रियंका अग्निहोत्री “गीत”

प्रियंका अग्निहोत्री 'गीत'

पुत्री श्रीमती पुष्पा अवस्थी