गीत/नवगीत

तिरंगा

तिरंगा
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भारत का अभिमान तिरंगा लहर – लहर लहराये |
त्याग और बलिदान सिखाये फहर – फहर फहराये |
श्वेत शांति फैलाने वाला चक्र प्रगति का द्योतक –
हरियाली सम्बर्द्धि हरा रंग गहर – गहर गहराये |

शान और अभिमान तिरंगा लहराये बलखाये |
भारत माँ की आजादी के गीत सुहाने गाये |
अमर शहीदों की गाथाएँ बसी हुईं हैं इसमे –
इसकी छाया में सुख सारे मन को ये हर्षाये |

भारत का मन प्राण तिरंगा आसमान पर छाये |
दसों दिशाओं में रंग इसके अति सुंदर छितराये |
भारत माँ का है यह आँचल अनुपम सुखद सलोना –
आन रहे सम्मान बढ़े मोहक मनहर सरसाये |
मंजूषा श्रीवास्तव”मृदुल”

*मंजूषा श्रीवास्तव

शिक्षा : एम. ए (हिन्दी) बी .एड पति : श्री लवलेश कुमार श्रीवास्तव साहित्यिक उपलब्धि : उड़ान (साझा संग्रह), संदल सुगंध (साझा काव्य संग्रह ), गज़ल गंगा (साझा संग्रह ) रेवान्त (त्रैमासिक पत्रिका) नवभारत टाइम्स , स्वतंत्र भारत , नवजीवन इत्यादि समाचार पत्रों में रचनाओं प्रकाशित पता : 12/75 इंदिरा नगर , लखनऊ (यू. पी ) पिन कोड - 226016