बाल कविता

आगे बढ़ते जाना है

जीवन की बहती धारा में, ना रुकना तू ना थक ना तू आगे बढ़ते जाना... - Rashtriya Swayam sevak Sangh :  RSS Godhra | Facebook
आगे बढ़ते जाना है,
नदियां-सागर आंधी-पानी,
में भी चलते जाना है .
हिम्मत अगर नहीं हारेंगे,
जीवन होगा स्वर्ग समान,
वरना जीवन की राहों में,
बिछ जाते कांटे अनजान.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244