लघुकथा

इतिहास

आज एक चुटकुला पढ़ा-

”मैंने 11वीं में इतिहास लिया था और फिर 12वीं में चित्रकला ले ली…

.
..क्योंकि मुझे इतिहास बदलना था।”

यह भले एक चुटकुला हो, लेकिन इसने इतिहास बदलने के अनेक किस्से याद दिला दिये.

एक ब्लॉग प्रकाशित हुआ था- ”चार बाल गीत- 4”. बच्चों के लिए श्री गणेशोत्सव के अवसर पर विशेष यह ब्लॉग शुद्ध बाल साहित्य की शुद्ध साहित्यिक रचना थी. शुद्ध बाल साहित्य की इस शुद्ध साहित्यिक रचना को सम्माननीय पाठकों का जो प्यार मिला, वह अपने आप में एक इतिहास था. नियमित पाठकों की शानदार प्रतिक्रियाएं तो आईं ही, साथ में अनेक नये पाठकों को भी इस रचना ने प्रभावित किया.

नॉर्वे के डिप्लोमेट एरिक सोल्हेम की ओर से शेयर की गई एक तस्वीर ने आनंद महिंद्रा का दिल छू लिया. इस तस्वीर में नीदरलैंड्स का एक ब्रिज दिखाया गया है, जिसे ईकोडक्ट के नाम से भी जाना जाता है. इस ब्रिज की खासियत है कि यह सड़क के दोनों तरफ के जंगल को एक दूसरे से जोड़ता है. इससे जंगल के जीव जंतु बिना अपनी जान खतरे में डाले ब्रिज के जरिए सड़क पार कर सकते हैं. ब्रिज भी सिर्फ कंकरीट का नहीं है, बल्कि उस पर भी हरियाली छाई हुई है. उन्होंने पर्यटन मंत्री नितिन गडकरी से गुजारिश भी की कि क्या भारत में भी कोई भी हाईवे बनाते वक्त इस बात का ध्यान रखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर गडकरी ऐसा करते हैं, तो वह मंत्री को स्टैंडिंग ओवेशन देंगे यानी उनके लिए खड़े होकर ताली बजाएंगे. यह तस्वीर अपने में एक इतिहास बन गई.

लॉकडाउन के समय बहुत-से लोगों ने बोर होकर समय बिताया, उनके पास कोई उपयोगी काम करने का आइडिया जो नहीं था, बस जैसे-तैसे समय गुजारते रहे और कहते रहे- ”टाइम नहीं है.” इधर लॉकडाउन के समय का सदुपयोग करते हुए बैडमिंटन के खिलाड़ी रहे और अब पीवी सिंधु, साइना नेहवाल के कोच के रूप में मशहूर पुलेला गोपीचंद ने कुछ पूर्व ऐथलीटों के साथ मिलकर वर्चुअल रन का आयोजन बीते जून-जुलाई में किया. इस वर्चुअल रेस के दो मक़सद थे. पहला, इंसान के चांद पर पहुंचने की 51वीं वर्षगांठ मनाना था और दूसरा, खेल संघों, संस्थानों से जुड़े कुछ ऐसे सपोर्ट स्टाफ्स की मदद करना, जो कोरोना-काल में पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं.—-लॉकडाउन के दौरान कुछ लोग चांद तक दौड़ आए. धरती से चांद तक की कुल तीन लाख, चौरासी हज़ार, चार सौ किलोमीटर की दूरी नाप आए. महीने भर की इस दौड़ से 19 लाख रुपये इकट्ठे हुए और उसे कोरोना महामारी से प्रभावित लोगों की मदद में लगाया भी गया. पुलेला गोपीचंद की वर्चुअल रन एक सुनहरा इतिहास बन गई.

हमारे एक साथी रविंदर सूदन ने लॉकडाउन के समय का सदुपयोग करते हुए एक इतिहास रच दिया है. आजकल भले ही वे अपना ब्लॉग पर नहीं आ पाते हैं, पर अनाथ बच्चों को वे जादू, रद्दी चीजों से क्राफ्ट, ड्राइंग सिखाने और उनकी पर्सनेलिटी डेवेलपमेंट में लगे हुए हैं. रविंदर भाई लाजवाब आर्ट के आर्टिस्ट हैं. लगभग 45 वर्ष पूर्व उन्होंने एक चित्र बनाया था, जिसमें उन्होंने बैलगाड़ियों के पानी में पड़ते प्रतिबिंब को अपने चित्र में जीवंत कर दिया है. यह चित्र उनके घर को सुशोभित कर रहा है. यही कला बच्चों को हस्तांतरित करना इतिहास बनाना ही तो है!

इतिहास पल-पल बन रहा है. हम भी इसका एक हिस्सा हैं.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “इतिहास

  • लीला तिवानी

    पूर्व राष्ट्रपति और देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत-रत्न से नवाजे गए स्व. प्रणब मुखर्जी जी इतिहास बन गए———–
    पूर्व राष्ट्रपति और देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत-रत्न से नवाजे गए स्व. प्रणब मुखर्जी जी को हमारी भी अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि. ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें.

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