शोरी का क्यों शोर ?
इधर कई तुलनात्मक पुस्तकें साथ-साथ पढ़ रहा हूँ…. श्री एस. एस. गौतम सम्पादित पुस्तक “क्या डॉ. अम्बेडकर की हत्या हुई?” (प्रकाशक : सिद्धार्थ बुक्स, दिल्ली) और श्री अरुण शोरी की पुस्तक “अम्बेडकर झूठे भगवान” (मूलतः अंग्रेजी में) के विरुद्ध छपी पुस्तिका “शोरी का शोर : अम्बेडकर झूठे भगवान नहीं” (लेखक-द्वय : श्री एल. आर. बाली & श्री आनंद स्वरूप / प्रकाशक : सम्यक प्रकाशन, नई दिल्ली)।
“क्या डॉ. अम्बेडकर की हत्या हुई?” नामक पुस्तक में बाबा साहब की द्वितीय पत्नी श्रीमती सविता कबीर, जो ब्राह्मणी थी— के इर्दगिर्द ही डॉ. अम्बेडकर के संदेहास्पद निधन को लेकर अँगुली उठी है !
वहीं पुस्तिका “शोरी का शोर : अम्बेडकर झूठे भगवान नहीं” में हठी पत्रकार रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अरुण शोरी के बेकार शोर के विरुद्ध करारा तमाचा जड़ा गया है !
डॉ. अम्बेडकर ‘गद्दार’ नहीं थे, इसे सुतर्क व प्रामाणिकता आधार लिए ठोस तथ्य प्रस्तुत किया गया है तथा ‘शोरी’ ही राष्ट्रभक्त नहीं है, इसे साबित किया गया है ! सभी भारतीयों को इन पुस्तकों पढ़ना चाहिए।