भाषा-साहित्य

किसी की तुलना किसी से हो नहीं सकती !

किसी की तुलना किसी से नहीं की जा सकती, बावजूद फलाँ पिता पर गया है, तो फलाँ माँ पर गयी है, ऐसा कहा जाता है ! यह दीगर बात है, अभिषेक बच्चन की अदा न माँ पर गया, न अमिताभ बच्चन पर !

बावजूद अभिषेक की फ़िल्म ‘गुरु’ देखिए, वे अमिताभ से आगे दिखते प्रतीत होते हैं ! यह नितांत मेरे विचार हैं । इसलिए तो कोई किसी से आगे व बहुत-आगे क्यों नहीं हो सकते हैं! अगर ऐसा नहीं होगा, तो कहावत- ‘गुरु गुड़, चेला चीनी’ की रचना होती ही क्यों ? बताते चलूँ कि रेणुजी ‘महाकवि’ नहीं थे । उनकी महानता आँचलिक उपन्यास और कहानियाँ में आकर सधी ! वे न तो कथासम्राट थे, न ही उपन्याससम्राट !

हाँ, हिंदी में सीमांचली भाषाओं को पिरोकर रेणुजी ने एक अलग मार्ग को प्रशस्त किया, यह दीगर बात है, महाप्राण निरालाजी की कविताओं को पहले-पहल प्रकाशकगण छापते ही नहीं थे, इस भाँति रेणु की कहानियाँ भी रिजेक्ट होती रही ! लेकिन ऐसा नहीं है कि रेणु और निराला से आगे कोई नहीं हुए ! यह सिर्फ आपकी एकल भक्ति ही कही जाएगी !

रेणु से भी आगे निकल गए शैलेश मटियानी, हिमांशु जोशी आदि को पढ़िये, तो वहीं निराला, धूमिल आदि से भी आगे निकल गए कवि सिर्फ ‘पंकज चौधरी’ को ही पढ़ लीजिए, किंतु सीमित ज्ञान से बचिए !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.