कविता

लेकर ही आएगी

मेरी आँखो से रिसता
तेरी यादों का हर पल
बूँद  बन  पिघल जाता
मेरी कोमल कपोलों पर
आ कर बिछ जाता लिए
मूक वेदना मेरे मन की
सिहर उठती तेरी यादें
तड़पाती मेरे मन भीतर
खामोश  निगाहें  ढूँढती
दूर तक तेरी निष्ठुर  राह
जहाँ से गया फिर न आया
इंतजार में रहेंगे हर पल
जब तक लौट नहीं आएंगी
तुम्हें ले कर मेरी रिसती
नयनों की बूंदें
मुझे उम्मीद है मेरी तन्हाई
तुम्हे ले कर ही आएगी
मेरी दहलीज तक एक दिन
— शिव सन्याल

शिव सन्याल

नाम :- शिव सन्याल (शिव राज सन्याल) जन्म तिथि:- 2/4/1956 माता का नाम :-श्रीमती वीरो देवी पिता का नाम:- श्री राम पाल सन्याल स्थान:- राम निवास मकड़ाहन डा.मकड़ाहन तह.ज्वाली जिला कांगड़ा (हि.प्र) 176023 शिक्षा:- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लोक निर्माण विभाग में सेवाएं दे कर सहायक अभियन्ता के पद से रिटायर्ड। प्रस्तुति:- दो काव्य संग्रह प्रकाशित 1) मन तरंग 2)बोल राम राम रे . 3)बज़्म-ए-हिन्द सांझा काव्य संग्रह संपादक आदरणीय निर्मेश त्यागी जी प्रकाशक वर्तमान अंकुर बी-92 सेक्टर-6-नोएडा।हिन्दी और पहाड़ी में अनेक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। Email:. [email protected] M.no. 9418063995