हे त्रिपुरारि …
जय त्रिपुंडधारी
गल मुंडधारी
सृष्टि जाने
तव महिमा न्यारी
हे सहज देव
हे भोलेनाथ
रख सिर हाथ
कर दो सनाथ
हे नीलकंठ
हे अविनाशी
जागो जागो
हे हिमवासी
संसार तृष्त
रोगों का भय
हे महादेव
कर दो अभय
हे चंद्रमोलि
हे गंगाधर
भक्तों के पालक
हर हर हर
हे त्रिनेत्र
त्रिशूलधारि
विनती सुनिये
हे त्रिपुरारि
जय महाशिव
जय बम बम बम
ध्यायें तुमको
सब मिलकर हम
— व्यग्र पाण्डे