कविता

तुम मेरी ताकत हो

किसी शब्द में
‘गी’ लगी है
तो वह स्त्रीलिंग है,
‘गा’ लगी है
तो पुल्लिंग;
किन्तु ‘लुंगी’
मरद पहनता है,
तो ‘लुंगा’ जनानी !
××××
सोशल मीडिया में हैं,
तो भी रार ;
अब इसे छोड़ रहे हैं,
तो क्यों तकरार ?
××××
कोई बताएंगे….
‘अविवाहित’
और ‘कुँवारेपन’ में
क्या अंतर है ?
××××
पति ने
पत्नी से कहा-
‘तुम मेरी ताकत हो !’
तपाक से पत्नी ने
जवाब दी-
‘तो क्या बाकी औरतें
आपकी कमजोरी है ?’
××××
ओ ‘रानी’ मधुमक्खी !
अनगिनत खूँखार बर्रे को
सँभालती है,
अकेली ही !
….और मैं तो ठहरा
शरीफ बर्रा !
××××
मन करता है,
‘वैरागी’ बन जाऊँ !
किशोरावस्था में
शांति की खोज में
भाग गया था,
पर वहाँ
शांति नहीं मिली !
काशी में भी
नहीं मिली !
××××
युद्ध
और बुद्ध
दोनों
जरूरी है….
××××
जब प्रकृति ही
अपनी प्रवृत्ति
बदल रही है,
तब इंसान
बदल जाए,
तो क्या गिला,
क्या शिकवा ?
××××
तुम्हें मनाना तो,
मुझे आता नहीं;
पर यह माने नहीं
कि मैं,
तुझे चाहता नहीं !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.