कविता

खाली कप

आपकी हमेशा
प्रशंसा करनेवाले मित्र
आपके सबसे बड़े
दुश्मन हैं,
वे कभी भी
आपकी पीठ पर
चाकू घोंप सकते हैं !
अगर तुम्हें गुस्सा
खूब आ रहा है,
तो समझो
कि धीरे-धीरे तुम
विनाश की ओर
जा रहे हो !
दुनिया का
कोई भी सच
चाय की खाली कप
और रात में
बचे हुए खाने के
आसपास भी नहीं है !
शब्दों में सब कुछ है,
लेकिन मैं
शब्दों से आगे
जाना चाहता हूँ !
तुम्हारी सुंदरता के आगे
पुरुष सिर्फ़ शैवाल है,
जिसपर पैर पड़ते ही
सिर्फ़ फिसलन होती है,
गिरकर उठना नहीं !
मित्रता में
सबकुछ
खोते चले जाओ,
पाओ कुछ नहीं !
मित्रता में सबकुछ
इकतरफा होती है ?
एक मिट्टी से
अन्न प्राप्त होती है,
तभी तो कहा जाता है-
मिट्टी में जान होती है !
किंतु मिट्टी की
मूरत में जान
क्यों नहीं होती ?
ऐसे लोगों के साथ
उठने-बैठने का
कोई फायदा नहीं,
जो आपको अच्छा
और सच्चा महसूस
नहीं कराते हों !
सच्चे ज्ञान का
सर्वोत्तम जवाब
‘खामोशी’ है !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.