कविता

जिंदगी सिर्फ आपकी नहीं है !

सच तो अभी यही है–
“अभी ज़िन्दगी
अस्त-व्यस्त हो चली है
और लोगों को शादी पड़ी है !
‘लॉकडाउन’ हमारे हित में हैं ।
बहरहाल,
यह हटनेवाली नहीं है ।
अगर हट भी गयी,
तो महामारी
यानी कोरोना कहर से
हमें खुद बचने के लिए
सोशल डिस्टेंस
लेने ही पड़ेंगे !”
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एक तरफ हम महामारी से बचने के लिए परिजनों और प्रियजनों से दूरी बरत रहे हैं, दूसरी ओर लोगों को जुड़ने के लिए ‘शादी’ पड़ी है, अफसोसनाक है ! दोपहर का भोजन…. मकई का भूँजा…. कथाकार अमरकांत जी के नहीं, अपितु मेरे लिए आज का भोजन !
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हमें सर्वजन हिताय का ध्यान रखते हुए ऐसे आयोजनों को सख्ती से करें नक्को ! अभी शादी बिल्कुल ही बर्बादी है, इसलिए फिलहाल त्याग और संयम बरतेंगे, तभी महामारी से सुरक्षित रह पाएंगे !
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वास्तव में–
“जान भी मेरी, जहान भी मेरी !
किन्तु इसके लिए
अलग-थलग रहिये,
परिजनों और प्रियजनों से भी
संयम और दूरी बरत कर….”
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हाँ, भई–
“मोहब्बत एक ऐसा सबक है,
जिसे आप जिंदगी भर
सीख नहीं सकते !”

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.