कुछ इस तरह
हम बिखरगे कुछ इस तरह कि तुम संभाल भी न पाओगे। हम टूटेंगे कुछ इस तरह तुम जोड़ भी न
Read Moreहम बिखरगे कुछ इस तरह कि तुम संभाल भी न पाओगे। हम टूटेंगे कुछ इस तरह तुम जोड़ भी न
Read Moreअचानक एक दिन पुराने खत दिखे तो बीते दिनों की याद ताजा हो गई, अलमारी में कैद पुराने खतों की
Read Moreक्या हुआ इस दुनिया मे , ना जाने किस गली मे खो गई , ना तुम्हारा पता ना तेरी यादों
Read Moreआज भी सिहर जाता हूँ याद करके वो मनहूस बरसात, जो मेरी परीक्षा लेते लेते मेरी अबोध बच्ची को निगल
Read Moreऐसे मार्मिक समाचार हैं ! इनसे समाधान निकालना या इनसे अस्तित्व पहचानना हर एक का कार्य है ! पहले ‘चक्रवर्ती’
Read Moreतुम मुझे मिलो या न मिलो ! पर तुम्हारी पल्लू का स्पर्श मिलती रहे प्रतिदिन ! ×××× मैं भी हुआ
Read Moreसमय के साथ ही जिंदगी भी चलती रहे, यही बेहतर है, क्योंकि ठहरे हुए जल में भी सडांध उठने लगती
Read Moreरिश्तों में संवेदनाओं का बड़ा महत्व है।उस पर बहन भाई का रिश्ता संभवतः संवेदनाओं की पराकाष्ठा का सुंदर उदाहरण है।
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