हर व्यक्ति को रोज बैठकर ‘पोंछे’ अथवा साफी लगाने चाहिए, चलते हुए ब्रश के बदले दातुन या दतवन करने चाहिए और रोज नाश्ते में ‘सत्तू’ खाने चाहिए। हम जितनी ‘चिकनाई’ चीज खाएंगे, उतनी ही शरीर को क्षति पहुँचेगी ! आप मोटे चावल, मोटी रोटी, गोटा दाल, मौसमी सब्जी नहीं खायेंगे, तो शरीर में कई बीमारियाँ गृह कर जाएगी।
रंग वाले हरी सब्जियों से अच्छा है, ‘खमरालु’ का चोखा खा लें ! मेरा परिवार अभी भी खाँसी होने पर ‘हरवाकस पत्ते’ का जूस पीते हैं ! किसी गरीब को बीपी बढ़ते व डायबिटीज होते सुना है । ऐसी घटना की सूचना अत्यल्प ही है !
आज जोगिंदर चाचा यह सब कह रहे थे।