मित्र की बीवी और अन्य रचनाएँ
बड़े को जन्मदिवस
नहीं मनाना चाहिए,
क्योंकि वे जीवन के
अवरोही क्रम में हैं !
बर्थडे बच्चों के लिए है,
जिनके जीवन
अभी चढ़ाव में हैं !
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आप बाल-बच्चेदार हैं,
फुर्सत नहीं होगी !
आशा है
स्वस्थचित्त
और सानंदित होंगे
और सबकुछ
सब तरह से
ठीक-ठाक होंगे !
शुभ संध्या !
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जंगल में सिंह क्या
नदारद हुए,
देश में सभी मानवी जातियों
सवर्ण, बैकवर्ड,
एससी, एसटी इत्यादि ने
‘सिंह’ उपाधि धारण कर लिये !
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स्वच्छता अभियान के प्रवर्त्तक
भगवान विष्णु के
तीसरे अवतार सूअर है,
फिर ‘सिंह’ उपनाम क्यों?
कोई उपनाम में
‘सूअर’ जोड़कर
हिम्मत दिखाए?
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यह महिला मित्र भी
ग़ज़ब के होते हैं,
जबतक समर्थन करो,
तो ठीक है,
अन्यथा पराई होने में भी
देर नहीं लगाती !
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जब मित्र की माँ
मेरी माँ है,
बहन मेरी बहन,
भाई मेरे भाई,
उनके पिता भी पितातुल्य;
तो उनकी पत्नी
मेरी पत्नी
या पत्नीतुल्य कैसे नहीं?