कविता

संकल्प जरूरी

जब हम आप सब
जिम्मेदार नागरिक हैं,
तो जिम्मेदार बनकर भी दिखाइए
अपने नागरिक कर्तव्य भी
तो निभाइए।
जल, जंगल, जमीन
संरक्षित कीजिए,
ऊर्जा संरक्षण कीजिए,
बिजली चोरी न कीजिए,
कुँए, तालाब, नदी,नालों
झील,झरनों पर
अतिक्रमण न कीजिए।
एक पेड़ काटने से पहले
दस लगाइये भी।
धरती माँ को न खोखला कीजिए।
जंगलों का विनाश रोकिए
कंक्रीट के जंगलों का अब
जाल न फैलाइए।
गंदगी और प्रदूषण न फैलाइए
रास्तों, नालियों ,गलियों, सड़कों को
न ही अवरुद्ध कीजिए।
सरकारी सम्पत्तियों का कभी
न दुरुपयोग कीजिए,
न चोरी ही कीजिए,
सरकारी सुविधाओं का
सौदा भी न कीजिए,
जिसे वास्तव में जरूरत हो
उसे ही पाने दीजिए
सरकारी सुविधा दिलाने के लिए
दलाली कभी मत कीजिए।
नारियों का उत्पीड़न न कीजिए
नारियों पर होते अनाचार,
अत्याचार ,दुर्व्यवहार देख
न ही मुंह मोड़िये।
जात पात भाषा क्षेत्र
धर्म के नाम पर न जहर घोलिए,
समाज में वैमनस्यता के न बीज रोपिए,
नफरतों की आग न जलाइए,
राजनीति की आड़ में
भाई से भाई को न लड़ाइए,
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई में
न भेद कराइए ,
समाज में समरसता सद्भाव जगाइए
एक दूसरे के भी काम आइए
एकता भाईचारा की मिसाल बनाइये,
जिम्मेदार नागरिक कहलाएं ही नहीं
बनकर भी तो दिखाइए।
बस! आइए साथ मिलकर
संकल्प भी कर लीजिये
नागरिक होने की
जिम्मेदारी भी महसूस कीजिए
क्योंकि अब संकल्प जरूरी है।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921