कविता

चिकित्सक

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर
देश के डाक्टरों को शत-शत नमन
उनके सेवा भाव उनके
अथक परिश्रम को नमन ।
सीमित संसाधनों में भी उन्होंने
बेहतर काम कर किया कमाल
कोविड मरीजों की देखभाल कर
कर्तव्यपरायणता की रखी मिसाल

अपने घरों की चिंता ना कर
कर्तव्य मार्ग पर डटे रहे
कई कई दिन रात सो ना सके वे
फिर भी सेवा करते रहे ।
अपनी परेशानियां भूल भाल कर
जन सेवा में लगे रहे
मरीजों-तीमारदारों की जान बचाई
खुद के दुख दर्द पीछे किए ।

कभी-कभी कुछ गलतियां भी हुईं
अपमान भी सहने पड़े अनेक
फिर भी जल्द न संयम खोया
मार्ग में आईं बाधाएं अनेक
पीपीई किट पहन, बने देवदूत
श्वासों की रक्षा करते रहे
लाखों मरीजों की जान बचाने में
देश के चिकित्सक सफल रहे ।

प्राण वायु की किल्लत भी झेली
दवाइयों का भी पड़ा अकाल
कोविड की इस नई महामारी ने
डाक्टरों का भी किया बुरा हाल।
सैकड़ों की संख्या में डॉक्टरों ने
प्राणों का अपने दिया बलिदान
मरीजों को रोग मुक्त करा कर
चेहरों पर लाई मुस्कान ।

सरकारी अस्पतालों में सेवा कर
डॉक्टरों का भी बढ़ गया सम्मान
रोगियों को उन पर पूर्ण भरोसा
कर देते हवाले, तन-मन-प्राण
डॉक्टर दिवस पर, आज हमारा
ऐसे ही डॉक्टरों को प्रणाम
राह कठिन पर, हुए ना विचलित
कर गए निछावर, अपने प्राण

— नवल अग्रवाल

नवल किशोर अग्रवाल

इलाहाबाद बैंक से अवकाश प्राप्त पलावा, मुम्बई