कविता

गुरु महान होते हैं

विश्व मे सबसे पहले पूजें जाते है गुरु ,
विश्व मे सबसे महान होते है गुरु ,
गुरु बिन ज्ञान कि कल्पना नही कि जाती ,
गुरु बिन मानवता का कोई अस्तित्व नही होता ,
गुरु हमें ज्ञान कि शिक्षा, दीक्षा देते है ,
गुरु हमारे सपनों को हमेशा साकार करते है ,
जीवन के सबसे पहले गुरु माँ-बाप होते है ,
जीवन के सबसे पहली पाठशाला हमारी घर होती है ,
सबके लिए गुरुओं कि जरुरत होती है ,
भले शिक्षा हो या कला, खेल, अभिनय ,
गुरु बिन कुछ नही है सकारमय ,
गुरु बिन जीवन है अंधकारमय ,
गुरु बिन जीवन है अशिक्षित ,
गुरु बिन जीवन है पशुओं के समान ,
जहां गुरु नही होते वहाँ बुद्धि नही होती ,
जहां गुरु नही होते वह जगह जंगल के समान है ,
गुरु से ज्ञान कि उत्पति होती है ,
ज्ञान से विज्ञान, साहित्य, कला, अभिनय ,
समाजिक रहन सहन कि उत्पति होती है ,
गुरु बिन जीवन का अस्तित्व ही क्या है ,
गुरु है तो दुनिया है , दुनिया है तो ,
संसार है और संसार है तो ज्ञान का भंडार है  !
✍🏻रुपेश कुमार

रूपेश कुमार

भौतिक विज्ञान छात्र एव युवा साहित्यकार जन्म - 10/05/1991 शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड(फिजिकल साइंस) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी ! प्रकाशित पुस्तक ~ *"मेरी कलम रो रही है", "कैसें बताऊँ तुझे", "मेरा भी आसमान नीला होगा", "मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ" *(एकल संग्रह) एव अनेकों साझा संग्रह, एक अंग्रेजी मे ! विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओ मे सैकड़ो से अधिक कविता,कहानी,गजल प्रकाशित ! राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से सैकड़ो से अधिक सम्मान प्राप्त ! सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य) पता ~ ग्राम ~ चैनपुर  पोस्ट -चैनपुर, जिला - सीवान  पिन - 841203 (बिहार) What apps ~ 9934963293 E-mail - - rupeshkumar01991@gmail.com