कवितापद्य साहित्य

राखी भेजवा देना

बहन राखी भेजवा देना,

अबकी ना मैं आ पाऊंगा।

काम बहुत हैं ऑफिस में,

मैं छुट्टी ना ले पाऊंगा।।

 

कलाई सुनी ना रहें मेरी,

ये बहना याद रख लेना।

अपने भाई के पते पर,

राखी तुम भेजवा देना।।

 

करोना काल संकट भारी,

मिलने तुम ना आ जाना।

गर पूछे भांजी भांजा तो,

मामा का प्यार कह देना।।

 

राखी पर ना मेरे आने से,

तुम मुझसे ना रूठ जाना।

हाथ जोड़ कर रहा निवेदन,

राखी जरूर भेजवा देना।

 

भेज रहा राखी उपहार संग,

चिट्ठी में प्यार के दो बोल।

माफ करना अपने भाई को,

मना न सका पर्व अनमोल।।

 

राह देख ना अबकी मेरी,

राखी थाली सजा ना लेना।

क्वरंटाइन का बड़ा झंझट,

भेज राखी फर्ज निभा लेना।

अंकुर सिंह

अंकुर सिंह हरदासीपुर, चंदवक, जौनपुर, उ. प्र. -222129 मोबाइल नंबर - 8367782654. व्हाट्सअप नंबर - 8792257267