कविता कविता *बबली सिन्हा 13/09/202114/09/2021 जब से उनके दिल के करीब हुए सच मानों दोस्तों, हम तो फकीर हुए खर्च होते हैं दिन रात मेरे उनकी यादों में अब तन्हाईयों के शिवा कुछ नहीं है जीने में एक ख्याल उनका बेवक्त सीने में शोर करता है सांसें भी चलने से पहले हजार सवाल करते हैं