कविता

शास्त्री जी

विशुद्ध भारतीय परिवेशी
छोटी कद काठी जिसकी
दुबले पतले शरीर वाला
नाम लाल बहादुर शास्त्री।
सादा जीवन उच्च विचार
उनका रहा जीवन आधार,
पर दृढ़ता के धनी थे वो
कभी न मानी उन्होंने हार।
स्वाभिमान था उनका गौरव
नैतिकता की थे वे मिसाल,
पर जूनून के पक्के थे वो
भारत माँ का प्यारा लाल।
भारत के प्रधानमंत्री बन
देश का ऊँचा किया था भाल
पाकिस्तान तो हतप्रद था ही
अमेरिका भी हुआ शर्म से लाल।
जय जवान जय किसान का
नारा जिसने बुलंद किया था,
भारत के सिरमौर को जिसने
ऊँचा सदा सदा ही किया था।
अमर हो गया नाम शास्त्री
सदियों तक ये नाम गूँजेगा,
कभी भुला न पायेगा भारत
लाल बहादुर शासत्री नाम रहेगा।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921