कविता

जय गाँधी! जय शांतिदूत !!

तुम सत्यनिष्ठ तुम प्रणपालक
तुम जन सेवक तुम अग्रदूत
तुम भारत माँ के देवदूत
जय हो!जय हो!शांतिदूत!
तुम व्यक्ति नही विचार बने
भारत के तारन हार बने
तुम सत्याग्रह के मौन पूत
जय हो!जय हो!सद्भावदूत!
तुम धर्म, संस्कृति के रक्षक
मानवता के सच्चे सर्जक
माँ वसुधा के सच्चे सपूत
जय हो!जय हो!एकात्मदूत!
तुम राष्ट्रपिता तुम अचल मेख
तुम युगसर्जक तुम शिलालेख
सत्य अहिंसा के संकल्पदूत
जय गाँधी! जय शांतिदूत !!

— नीरजा बसंती

नीरजा बसंती

वरिष्ठ गीतकार कवयित्री व शिक्षिका स्वतंत्र लेखिका व स्तम्भकार, रूश्तमपुर-गोरखपुर,उत्तर प्रदेश