कविता

दिवाली त्यौहार

हृदय से हृदय मिले
वैरभाव सब मिटे
आओ साथी दीप जलाएं
पावन पर्व दीपावली मनाएं ।
जगमग रोशन हर आंगन हो
अंधकार मिट जाए हर घर से
मृदुल गीत गाए हर जन
निर्मल बन जाए तन मन ।
अन्न-धन से भरा हो घर-घर
पकवान- मिठाई की मिठास को
न तरसे कोई जन लाचार
हम ऐसे मनाएं दिवाली त्यौहार ।
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111