सामाजिक

पंछी की दीपावली

दीपावली के दिन की घटना याद आ रही है |उस दिन मै बाहर बैठा हुआ ऊपर आकाश मे उडते पंछी को देख रहा था। वो दाना चुनकर लाता जाकर पंछी अपनी चोंच मे दाना लेकर चूजो को खिला रहा था |पंछी के अभिवादन में चूजे पंखो को फडफड़ा कर तालियों के समान कर रहे थे | ऐसा लग रहा था कि मानों उनके यहाँ रोज दीवाली हो | ठीक उसी पेड के नीचे बने घर मे माँ अपने भूखे बच्चों के लिए दीपावली के दिन अपने पति का इंतजार इस उम्मीद से कर रही थी की वो अपने बच्चों के लिए कुछ ना कुछ तो जरुर लाएंगे |किन्तु शराब के नशे मे धनतेरस पर जुए मे हार कर लडखडाते कदमो से घर आने पर मोहल्ले वाले करने लगे उसका गालियों से अभिवादन |और मै बैठा हुआ सोचने लगा कि अच्छा है पंछी शराब नहीं पीते |नहीं तो उनके भी हालात उस इंसान की तरह हो जाते जिनके बच्चे दीपावली पर्व पर पेड के नीचे बने घर मे भूखे सो गए थे |वो शराबी इंसान अब इस दुनिया मे नहीं रहा किन्तु उनकी माँ मजदूरी कर के अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही। और सोच रही है कि पति शराब नहीं पीते तो बच्चे अपने पिता के संग पटाखे और रोशनी के आज दीप जलाते |
 — संजय वर्मा “दृष्टि “

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच