कविता

पहले का समय था

पहले का समय था,
लोग मिल बाँट कर खाते थे।
आज समय ऐसा है,
लोग अकेले अकेले खाते हैं।।
पहले का समय था,
एक छत के नीचे रहते थे।
आज समय ऐसा है,
लोग घरों की दीवार उठा कर रहते हैं।।
पहले का समय था,
लोग कुछ पैसों में काम चला लेते थे।
आज वही कुछ पैसे लोगों को कम पड़ जाते हैं।।
पहले का समय था,
लोग एक दूसरों के घर आते जाते थे।
आज समय ऐसा है लोग एक दूसरे का मुंह देखना नही चाहते हैं।।
पहले का समय था,
लोग एक दूसरों के मदद के लिए आगे थे,
आज समय ऐसा है लोग एक दूसरों का हाथ काटने को आगे आते हैं।।

— इं. सौरभ पाण्डेय

सौरभ पांडे

पुत्र- केदारनाथ पाण्डेय ग्राम- बैरघाट (रामगंज) अमेठी (उo प्रo) योग्यता- बीटेक (एजीo) मोo- 9795988674 2308/9 ओम नगर जिला सुल्तानपुर (उत्तरप्रदेश) फोन व व्हाट्सएप -7007019010 ईमेल- pandey.saurabh148@gmail.com