कविता

14 नवंबर बाल दिवस

14 नवंबर आज के दिन ।
बाल दिवस की स्नेहिल अभिलाषा है ।
देश के आत्मसम्मान को सींचा जिसने ।
अमर जवाहर चाचा नेहरू की ऐसी गाथा है।
 14 नवंबर आज के दिन ।
बाल दिवस की स्नेहिल अभिलाषा है ।
कहा था…… जिसने
आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे ।
स्वतंत्र भारत का दिया है सपना ।
वह स्वर्णिम भारत बनाएंगे ।।
सपना देखा सजी बाल -बगिया का जिसने ।
अमर जवाहर चाचा नेहरू की ऐसी गाथा है ।
14 नवंबर आज के दिन ।
बाल दिवस की स्नेहिल अभिलाषा है ।
बाल दिवस के मूल उद्देश्य को सार्थक भी बनाना है।
बच्चों की शिक्षा, संस्कार का बीड़ा भी हमें उठाना है।
 हर शोषण से बचें बालमन ।
नेहरू के भारत को बच्चों की बगिया से सजाना जाना है ।
— प्रीति शर्मा ‘असीम’

प्रीति शर्मा असीम

नालागढ़ ,हिमाचल प्रदेश Email- aditichinu80@gmail.com