कविता

नव वर्ष मंगलमय हो

बादलो को चीर कर झांकता सूर्य  ,
धरती का तमस मिटाने को हो व्याकुल,
जैसे कह रहा हो हम सबसे,
मै प्यार फैलाने आ गया हूँ धरती पर,
दिलो मे पल रही नफरत को,
मेरी रोशनी से कम कर दो,
आने वाले साल में,
 नई उम्मीदें जागी है,
 धरती पर खुशियां बिखरे,
 ऐसी हम सब की कामना है,
 मां भगवती  प्रार्थना करते है,
  आने वाला साल,
 सूर्य की तरह चमकता रहे,
 चांद की तरह शीतल रहे,
 फूलों की सुगंध बिखरती रहे,
 पिछला साल बहुत दर्द भरा रहा,
 ऐसा साल कभी ना आए,
 सारे खुशी-खुशी नया साल मनाए,
 नए साल की शुभकामनाएं।।
— गरिमा लखनवी

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384