कविता

विश्व शांति की सौगात

विश्व मंच पर युद्ध की होड़ लगी है
विश्व शांति पड़ी है खतरे में   आज
जग में शांति दूत नहीं दिखता     है
बम बारूद की हो रही है   बरसात

देना है तो दीजीये प्रभु
विश्व शांति की सौगात

युद्ध की ताल ठोंक रहा है वो मूरख
दुश्मन पड़ोसी चीन और      पाक
रोज रोज चढ़ाई की देता है  धमकी
प्रबल बना है युद्ध लड़ने की विचार

देना है तो दीजीये प्रभु
विश्व शांति की सौगात

विश्व शांति की बना है सब दुश्मन
रच रहा है षड़यंत्र मिल दिन व रात
भूखा मर रहा है पापी  अब पड़ोसी
मचा है रोटी पाने की   हाहाकार

देना है तो दीजीये प्रभु
विश्व शांति की सौगात

आतंकी अब बना है आतंकिस्तान का मोहरा
बिछा रहा है शतरंज की नई नई   बिसात
युद्ध के मुहाने पर खड़ी है अब    दुनियॉ
कौन करे आज विश्व शांति की कोई  बात

देना है तो दीजीये प्रभु
विश्व शांति की सौगात

सीमा पर ललकार रहा है पागल कायर
एक सुर में चीन और खड़ा है     पाक
धैर्य की हो रही है अब हमारी रोज परीक्षा
कब तलक चुप चाप रहेंगे अब हम आज

देना है तो दीजीये प्रभु
विश्व शांति की सौगात

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088