कविता

क्यों नहीं रैलियों पर पाबंदी

लोगों की भीड़ कम करने को
रात में सब जगह कर्फ्यू लगाओ
भीड़ से कोरोना बहुत डरता है सुन लो सभी
चुनाव रैलियों में लोगों की भीड़ खूब बुलाओ
नेताओं के पास तो यह जाता नहीं है
तभी तो ख़ूब बेशर्मी से रैलियां करते है
दूसरों को कानून की दुहाई देते हैं
खुद कानून का उलंघन करते नहीं डरते हैं
दिन में कोरोना रहता है घर के अंदर
रात में ही यह शेर बनकर बाहर आता है
तभी तो कोरोना से बचने के लिए
रात को ही कर्फ्यू लगाया जाता है
चुनाव आयोग सो रहा कुम्भकर्णी नींद
क्यों नहीं रैलियों पर पाबंदी लगाता है
इंतज़ार कर रहा ऊपर से फरमान का
न जाने वह फरमान कब आता है
लोग भी अब बेफिक्र होकर घूम रहे हैं
न मुंह पर मास्क है न सामाजिक है दूरी
डंडा नहीं चलेगा तो नेता रैलियों से बाज आएंगे नहीं
उनके लिए वोट कीमती हैं किसी की जान नहीं ज़रूरी
शासन प्रशासन सब मस्त हैं चुनावों में
प्रशासन हमेशा सत्ता के दबाब में रहता है
नौकरी ट्रांसफर सीबीआई ईडी का डर रहता है
लोकतंत्र में होता वही है जो केवल नेता कहता है
रवींद्र कुमार शर्मा
घुमारवीं
जिला बिलासपुर हि प्र

*रवींद्र कुमार शर्मा

घुमारवीं जिला बिलासपुर हि प्र