सामाजिक

बच्चों पर चढ़ा फ़िल्मी गुब्बार कितना जायज़

आजकल लोगों के दिमाग पर पर फ़िल्मों का ख़ुमार छाया हुआ है। पुष्पा दि राइज़ के गानें बलम सामी और पुष्पा के स्टेप्स और स्टाइल की नकल करते लोग विडियो पर विडियो बनाए जा रहे है। इस गुब्बार ने छोटे बच्चों को भी नहीं बख़्शा है।
सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन गया है जहाँ फ़ेमश होने के लिए हर कोई अपनी कला का, अपने हुनर का विडियो बनाकर अपलोड कर देता है। किस्मत चमकी तो कई लोग ज़ीरो से हीरो भी बन जाते है, जैसे “रानू मंडल” और “बचपन का प्यार मेरा भूल नहीं जाना” वाला लड़का। आजकल आलिया भट्ट की फ़िल्म गंगुबाई काठियावाड़ी की नकल करती एक छोटी बच्ची का विडियो खूब वायरल हो रहा है। मुँह में बीड़ी दबाए अश्लील डायलाॅग और कामुक अदाओं के साथ वह बच्ची अद्दल गंगुबाई की नकल उतारती है।
उसकी बॉडी लैंग्वेज देखिए, क्या इस उम्र में बच्ची को इस तरह कामुक दिखाना ठीक है? सैकड़ों अन्य बच्चे हैं जिनका इसी तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।
सरकार को उन बच्चों के पैरंट्स के खिलाफ सख्त ऐक्शन लेना चाहिए, जो एक ऐसी फिल्म के प्रमोशन से पैसा कमाने के लिए नाबालिग बच्चों का यौन उत्पीड़न कर रहे हैं, जो एक मशहूर वेश्या और उसके दलाल की बायॉपिक है। बच्ची अकेली नहीं है सोशल मीडिया पर इन रील्स और डायलॉग्स पर बच्चों के वीडियोज़ की भरमार है।
कंगना राणावत से लेकर बहुत सारे लोगों ने अपनी राय देते टिप्पणी की है। नो डाउट बच्ची की ऐक्टिंग और स्टाइल सुपर्ब है, पर यहाँ हमें कंगना की बात का सपोर्ट करना चाहिए की इतनी कम उम्र में बच्चों से ये सब करवाना और सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरना बच्चों के लिए ख़तरनाक साबित हो सकता है। बच्चें इतनी सी उम्र में सेलिब्रिटी बनने के ख़्वाब देखने लगते है, जिनका असर उनकी निज़ी ज़िंदगी पर विपरीत पड़ सकता है। कौन बनेगा करोड़पति में बच्चों वाले एपिसोड में एक बच्चा अरुणोदय आया था, जो खुद को अमिताभ बच्चन के आगे प्रस्थापित करना चाहता था। वो भी माना की ऑवर स्मार्ट था, पर ऐसी चीज़ें बच्चों की मासूमियत और बचपना छीन लेती है। उस बच्चे की बातों से साफ़ ज़ाहिर होता है की उसकी अपेक्षाएं कितनी ऊँची है।  उस बच्चे के भी कई सारे विडियोज़ वायरल हुए जिसमें उसके सपने छलक रहे थे, पर मासूमियत गायब थी। ईश्वर करें उस बच्चे के सारे सपने सच हो, पर मानों जो वह सोच रहा है ऐसा कोई प्लेटफॉर्म उसे नहीं मिला, तो उसके नाजुक मन पर क्या बितेगी। हर चीज़ की एक उम्र होती है, वक्त आने पर बच्चों की रुचि समझकर उस क्षेत्र में आगे बढ़ाना चाहिए जिसमें वो माहिर हो।
सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस बच्ची के वायरल वीडियो पर अपनी आपत्ति जताते हुए कहा की कमाठीपुरा के रेड लाइट एरिया में गंगूबाई काठियावाड़ी वेश्यालय की मैनेजर थीं। वीडियो में दिखने वाली बच्ची को बेशक इस बात की जानकारी नहीं होगी कि उसे क्या पेश करने के लिए कहा जा रहा है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा की मैं फिल्मफेयर से आग्रह करती हूं कि आप बच्चों को जो दिखा रहे हैं और जिस तरह के दर्शकों को आप छोटे बच्चों का उपयोग करके आकर्षित कर रहे हो उसके प्रति थोड़ा संवेदनशील रहें। बच्चों के माता-पिता को ये बात समझनी चाहिए की बच्चों को किसी चीज़ का ऑवर डोज़ न दें, जिनके वो तलबगार बन जाए। पोप्यूलारिटी ऐसा नशा है की एक बार लत लग जाए तो छूटती नहीं। ऐसी चीज़ों से बच्चों को दूर रखना चाहिए। दुनिया में सीखने लायक और बहुत कुछ है, फ़िल्मी माहौल से दूर रखकर उस पर फोकस करवा कर बच्चों का जीवन संवारिए।
— भावना ठाकर ‘भावु’

*भावना ठाकर

बेंगलोर