कविता

माता पिता मेरे ईश्वर अल्लाह है

माता पिता मेरे ईश्वर अल्लाह है
यही जमीन मेरी और आसमान हैं
वह खुदा मेंरे और भगवान हैं
माता पिता के चरणों में सारा जहान है

माता-पिता से ही मेरी पहचान है
दुनिया में बस यह दोनों ही महान है
नहीं चाहिए मुझे कुछ यह मेरे सब कुछ है
मैं उनसे वह मुझसे बहुत खुश हैं

ईश्वर अल्लाह से विनती मेरी है
माता पिता के साथ स्थिर रखना मेरे पल
समय का चक्र घूमता है पर कर दो अचल
माता पिता के चरणों में रखना ना भटकूं आज ना कल

लेखक- कर विशेषज्ञ, साहित्यकार, कानूनी लेखक, चिंतक, कवि, एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया