कविता

वीर शिवाजी की गाथाएं

वीर शिवाजी की गाथाएं
फिर से याद करानी हैं
देश की खातिर जो मिट बैठे
हम उनकी अमिट निशानी हैं ।।

भारत मां के वीर सपूत वह
‌ महाराष्ट्र में जन्मे थे
माता जीजाबाई के लाडले
युद्ध कला में महा निपुण थे ।

संख्या बल में कम होकर भी
शत्रुओं की नींदें उड़ाई थी
चतुराई से समर लड़े वो
मुगलों को धूल चटाई थी ।।

इच्छा शक्ति के धनी शिवाजी
हैं देश भक्ति की अद्भुत मिसाल
इतिहास सदा ही ऋणी है उनका
गजब हौसला, शोहरत बेमिसाल

है आज जयंती उस महापुरुष की
जिसने न कभी झुकना सीखा
बढ़ चले कदम जब एक बार फिर
न पीछे मुड़कर रुकना सीखा ।।

शत शत नमन है आपको शिवाजी
आप हमेशा ही अमर रहें गे
हमारे दिलों पर, राज्य है आपका
तन मन देश को अर्पण करें गे ।।

जय शिवाजी,‌ जय भवानी
जय भारत, जय महाराष्ट्र ।।

— नवल अग्रवाल

नवल किशोर अग्रवाल

इलाहाबाद बैंक से अवकाश प्राप्त पलावा, मुम्बई