कविता

खुशियां बांटें खुशियां पाएं

विश्व खुशहाली दिवस 20 मार्च पर विशेष

खुश रहना चाहें ‘गर हम तो,
समझो खुशियां पास हमारे,
दुनिया की हर चीज सिखाती,
सीखो खुश हो रहना प्यारे.
कांटों में रह फूल गुलाब का,
हर पल खुश हो रहना सिखाए,
पत्थर खाकर फल से लदा तरु,
फल दे खुश रहना हैं सिखाए,
खाने को दो(2) दाने पा पंछी,
धन्यवाद के गीत सुनाएं.
नदी नीर दे प्यास बुझाए,
हवा सांस की नेमत देती,
भौंरे गुन-गुन गीत सुनाएं,
तितलियां रंगों से मन को लुभाएं.
जितना पाएं उसमें खुश हो,
तृप्ति पाएं मन हर्षाएं,
और अधिक का लालच छोड़ें,
खुशियों से हम नेह लगाएं.
आओ हम सब मिलकर गाएं,
पालनहारे को शीश नवाएं,
खुशियां बांटें खुशियां पाएं,
खुशहाली के फूल खिलाएं.

एक प्रार्थना-
इतनी ऊंचाई न देना प्रभु कि धरती पराई लगने लगे,
इतनी खुशियां न देना कि किसीके दुःख पे हंसी आने लगे,
नहीं चाहिए ऐसी शक्ति जिसका निर्बल पर प्रयोग करूं,
नहीं चाहिए ऐसा भाव कि किसीको देख जल-जल मरूं,
ऐसा ज्ञान मुझे न देना अभिमान जिसका होने लगे,
ऐसी चतुराई भी न देना कि लोगों को छलने लगें !!

 

                                     वैश्विक खुशहाली मापन के प्रमुख बिंदु:
                                 वैश्विक खुशहाली रिपोर्ट 2021 के बारे में:

वैश्विक खुशहाली रिपोर्ट 149 देशों के नागरिकों के खुशहाली स्तर को मापते हुए इस बात को दर्शाती है कि इन देशों के लोग स्वयं को कितना खुश मानते हैं।
रिपोर्ट में शामिल देशों की रैंकिंग मतदान ( गैलप वर्ल्ड पोल) पर आधारित है, जो छ: कारकों को शामिल करती है:
प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (क्रय शक्ति समानता)।
सामाजिक सहयोग।
जन्म के समय स्वस्थ जीवन प्रत्याशा।
जीवन में विकल्प चुनने की स्वतंत्रता।
उदारता।
भ्रष्टाचार की धारणा।
सर्वेक्षण के दौरान उत्तरदाताओं को अपनी वर्तमान जीवन स्थिति का मूल्यांकन 0-10 के पैमाने पर करने के लिये कहा गया था।

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244