कविता

जय श्री राम

मन से करो आराधना, प्रभु राम सब के साथ हैं।।
हैं सत्य के वे देवता, सिर पर रखे जो हाथ हैं।।
आगे बढ़ाना धर्म को, मन में सभी ये ठान लो।
छाये नहीं अंधेर तब, श्री राम को पहचान लो।।

मानव सुनो ये बात को, शिव राम दूजे प्राण हैं।
रहते सदा वे साथ में, करते सभी के त्राण हैं।।
देखे जहाँ हनुमान जी, मुस्कात जाते पास हैं।
शिव राम में जो डूबते, करते ह्रदय में वास हैं।।

चल कर  सनातन धर्म में, पाना सिया के राम को।
होगा सफल सब काम जी, आगे बढ़ाना नाम को।।
सुंदर बने ये देह जो, सब ईश के वरदान हैं।
करना नहीं तुम पाप जी, लेते क्षणों में जान हैं।।

— प्रिया देवांगन “प्रियू”

प्रिया देवांगन "प्रियू"

पंडरिया जिला - कबीरधाम छत्तीसगढ़ Priyadewangan1997@gmail.com